Dhara 302 मृत्युदंड या आजीवन कारावास धारा 302 के तहत दिया जाता है

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Dhara 302 मृत्युदंड या आजीवन कारावास धारा 302 के तहत दिया जाता है

Dhara 302 मृत्युदंड या आजीवन कारावास

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जो भी कोई किसी व्यक्ति को हत्या करता है तो उसे मृत्युदंड या आजीवन कारावास और साथ ही आर्थिक दंड से दंडित किया जाता है

जैसा कि हम लोग जानते हैं और पढ़ने भी हैं कि हत्या का मामला में अदालत ने आईपीसी यानी कि भारतीय दंड संहिता की धारा 302 के तहत मुजरिम को हत्या का दोषी पाया है ऐसे में न्याय दोषी को मृत्युदंड या फिर आजीवन कारावास की सजा सुनाती है लेकिन काफी लोगों को अभी भी धारा 302 के बारे में सही  जानकारी नहीं है तो आइए 302 धारा के बारे में जानने के लिए हमारे द्वारा लिखे गए प्रत्येक आर्टिकल को ध्यानपूर्वक पढ़ें इसमें धारा 302 में लगने वाले प्रत्येक जानकारी को उल्लेख किया गया है।

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किसी को हत्या करार देने पर धारा 302 लगाया जाता है

हम लोग आए दिन यह सुनते हैं कि अदालत ने किसी को भारतीय दंड संहिता आईपीसी की धारा 302 के तहत हत्या का अपराध करने का दोषी पाया है। 302 हत्या मामलों में न्यायालय हत्यारों को मृत्युदंड या आजीवन कारावास का सज सुनाती है हालांकि भारतीय आबादी के एक बड़ी संख्या अभी तक इस बात से अनजान है

धारा 302 क्या है?

भारत में अंग्रेज शासन के दौरान भारतीय दंड संहिता को 1962 में लागू किया गया था भारतीय दंड संहिता के तहत सबसे महत्वपूर्ण परिवर्तन विशेष रूप से भारतीय स्वतंत्रता के बाद किया गया था। आईपीसी का महत्व इस हद तक था कि पाकिस्तान और बांग्लादेश ने भी इसे अपराधिक शासन के उद्देश्य के लिए अपनाया था

Dhara 302 मृत्युदंड या आजीवन कारावास

भारतीय दंड संहिता की धारा 302 कई मामलो में महत्वपूर्ण है हत्या के आरोप व्यक्तियों पर इस धारा के तहत मुकदमा चलाया जाता है इसके अलावा अगर मामले में हत्या के एक आरोपी को अपराध का दोषी या उस पर अपराध मर्डर का साबित हो जाता है तो अपराधी को धारा 302 के तहत सजा-ए-मौत या फिर उम्र कैद यानी आजीवन कारावास की सजा सुनाई जाती है साथ ही जुर्माने का भी सजा दी जाती है हत्या से संबंधित मामलों नया लाइक के लिए विचार का प्राथमिक बिंदु उपयुक्त का इरादा और उपदेश है कि किसी भी हालत में कोई भी व्यक्ति कानून को हाथ में ना लें

धारा 302 में दिए जाने वाले प्रमुख सजाएं

भारत में अक्सर धारा 302 मैं हत्या की सजा का प्रावधान है इस धारा के अनुसार जो कोई भी हत्या करता है उसके लिए दिए जाने वाले सजाएं

Dhara 302 मृत्युदंड या आजीवन कारावास

पहला जो है वह मौत की सजा ए हैं दूसरा आजीवन कारावास और तीसरा दोषी से जुर्माना भी वसूला जा सकता है

कानून शक्ति का प्रयोग

जब कोई भी लोग सेवा या लोक सेवा द्वारा अधिकृत कोई व्यक्ति न्याय की उन्नति के लिए कार्य करता है और अपनी शक्तियों से अधिक उस व्यक्ति की मृत्यु का कारण बनाता है जो अलाउद्दीन के इरादे को वैध मानता है और जनता के रूप में अपने कर्तव्य का निर्वहन करने के उद्देश्य से आवश्यकता माना जाता है 

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Hello I am Ranjit Kumar from ( Bihar ) Founder of blog fastjagran.com . Ranjit has got over 3+ year of experience with Technology, Yojana news, Board Related Updates etc. He runs multiple online publication in India. You can Contact him at ranjit954553@gmail.com

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