history के कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न एवं उत्तर लघु उत्तरीय एवं दीर्घ उत्तरीय 10th के लिए

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  1. history इतिहास के कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न एवं उत्तर लघु उत्तरीय एवं दीर्घ उत्तरीय 10th के लिए। history

 

history  1. रूस की क्रांति ने पूरे विश्व को प्रभावित किया।’ किन्हीं दो उदाहरणों द्वारा स्पष्ट करें।

उत्तर- रूसी क्रांति के दो कारण निम्नलिखित थे: (history)

(i) जार की निरंकुशता एवं अयोग्य शासन-1917 ई. से पूर्व रू से में निरंकुश जारशाही व्यवस्था कायम थी। राजतंत्र अपना विशेषाधिकार छोड़ने के लिए तैयार नहीं था। जार निकोलस II.

जिसके शासन काल में क्रांति हुई. राजा के देवी अधिकारों में विश्वास करता था। उसे आम लोगों की सुख-दुख की कतई चिंता नहीं थी। जार ने जो अफसरशाही व्यवस्था बनायी थी वह अस्थिर, जड़ और अकुशल थी।

(ii) मजदूरों की दयनीय स्थिति-रूस में मजदूरों की स्थिति अत्यन्त दयनीय थी उन्हें काम अधिक करना पड़ता था। उनकी मजदूरी काफी कम थी। उसके पास कोई राजनीतिक अधिकार नहीं थे। अतः वे तत्कालीन व्यवस्था से असंतुष्ट थे।

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2. मेटरनिख युग क्या था ?

उत्तर- नेपोलियन के पतन के बाद यूरोप की विजयी शक्तियाँ आस्ट्रिया की राजधानी वियना में 1815 ई० में एकत्रित हुई।

इनका उद्देश्य यूरोप में पुनः उसी व्यवस्था को कायम करना था जिसे नेपोलियन के युद्धों और विजयों ने अस्त-व्यस्त कर दिया था। 1815 ई० में एकत्रित वियना कांग्रेस का नेतृत्व आस्ट्रिया के चांसलर मेटरनिख ने किया था जो घोर प्रतिक्रियावादी था। 1815 से 1848 तक के काल को यूरोप में मेटरनिख युग के नाम से जाना जाता है। history 

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3. स्लम पद्धति की शुरूआत कैसे हुई ?

उत्तर- औद्योगीकरण ने स्लम पद्धति की शुरूआत की। मजदूर शहरों में छोटे-छोटे घरों में जहाँ किसी तरह की सुविधा उपलब्ध नहीं थी रहने को बाध्य थे। आगे चलकर उत्पादन के उचित वितरण के लिए आंदोलन शुरू किए।

चूँकि पूँजीपति द्वारा उनका बुरी तरह शोषण किया जाता था इसलिए उन्होंने अपना संगठन बनाकर पूँजीपतियों के खिलाफ वर्ग-संघर्ष की शुरूआत की। छापाखाना से क्या लाभ हुआ ? यह यूरोप में कैसे पहुंचा? history 

एग्जामिनेशन बोर्ड में आने वाले कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न। (history)

4. .छापाखाना से  लाभ हुआ? यह यूरोप में कैसे पहुंचा? history 

उत्तर-लकड़ी के ब्लॉक द्वारा होनेवाली मुद्रण कला समरकन्द, पर्सिया- सीरिया मार्ग से (रेशम मार्ग) व्यापारियों द्वारा यूरोप में सर्वप्रथम रोम में प्रविष्ट हुई।

13वीं शताब्दी के अंतिम में रोमन मिशनरी एवं मार्कोपोलो द्वारा ब्लॉक प्रिंटिंग के नमूने यूरोप पहुँचे। वहाँ इस कला का प्रयोग ताश खेलने एवं धार्मिक चित्र अपने के लिए किया गया। रोमन लिपि में अक्षरों की संख्या कम होने के कारण लकड़ी और धातु से बने मूवेबल टाइपों का प्रसार तेजी से हुआ।

इसी बीच कागज बनाने की कला 11वीं सदी में पूरब से यूरोप पहुँची। गुटेनबर्ग ने सस्ती व सुस्पष्ट मुद्रण तकनीक की आवश्यकताओं को पूरा किया। 1475 ई० में सर विलियम कैप्सटन मुद्रण कला को इंगलैण्ड में लाए। पुर्तगाल में इसकी शुरुआत 1544 ई० में हुई, तत्पश्चात् यह आधुनिक रूप में अन्य देशों में पहुंची। history 

5. आर्थिक तथ्य प्रशासनिक संदर्भ में ग्रामीण तथा नगरीय व्यवस्था के दो प्रमुख आधार क्या है?

उत्तर- आर्थिक तथा प्रशासनिक संदर्भ में ग्रामीण तथा नगरीय व्यवस्था के दो प्रमुख आधार हैं जनसंख्या का घनत्व तथा कृषि आधारित आर्थिक क्रियाओं का अनुपात नगरों में जनसंख्या का घनत्व अधिक होता है

अथवा प्रति इकाई क्षेत्र में लोगों की संख्या की दृष्टि से वे छोटे होते हैं। गाँव की आबादी का एक बड़ा हिस्सा कृषि संबंधी व्यवसाय से जुड़ा है। history 

2021 में क्वेश्चन आया था।(history)

6. उपनिवेशवाद से आप क्या समझते हैं? औद्योगीकरण ने उपनिवेशवाद को जन्म दिया कैसे?

उत्तर- औद्योगिकीकरण के कारण बड़े पैमाने पर उत्पादित वस्तुओं की खपत के लिए बड़े बाजारों को आवश्यकता हुई जिससे उपनिवेशवाद का जन्म हुआ। history 

उपनिवेशों से सस्ते दामों पर कच्चा माल प्राप्त करना तथा उत्पादित वस्तुओं को वहाँ के बाजारों में महँगे दामों पर बेचना ही उपनिवेशवादी देशों का उद्देश्य होता है। इसी क्रम में भारत ब्रिटेन के एक विशाल उपनिवेश के रूप में उभरा।

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जहाँ भारत एक ओर तो प्राकृतिक एवं कृत्रिम संसाधनों से सम्पन्न था तो दूसरी ओर ब्रिटेन के लिए एक विशाल बाजार भी साबित हुआ। ब्रिटिश सरकार ने अपने उद्योगों को विकसित करने के लिए अनेक ऐसे कदम उठाये जिनके कारण भारत में एक के बाद एक देशी उद्योग लगातार नष्ट होने लगे। history 

ब्रिटिश सरकार द्वारा अपनायी गई मुक्त व्यापार की नीति के कारण भारत में निर्मित वस्तुओं पर ब्रिटेन में बिक्री के लिए भारी कर लगा दिया गया। भारत से कच्चे माल का निर्यात किया जाने लगा। भारतीय वस्तुओं के निर्यात पर सीमा शुल्क और परिवहन कर भी लगाया जाने लगा।

अब भारत में रहने वाले अंग्रेजों को विशेष सुविधाएँ दी जाने लगी। भारत के कुटीर उद्योग के शिल्पकारों एवं कास्तकारों को कच्चे मालों के लाले पड़ गये। इस तरह उपनिवेशवाद शोषण का पर्याय बन जाता है। history 

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7. आज के परिवर्तनकारी युग में प्रेस की भूमिका पर आलोचनात्मक टिप्पणी करें।

उत्तर- वैश्विक स्तर पर मुद्रण अपने आदिकाल से भारत में स्वाधीनता आंदोलन तक भिन्न-भिन्न परिस्थितियों से गुजरते हुए

आज अपनी उपादेयता के कारण ऐसी स्थिति में पहुँच गया है कि इससे ज्ञान जगत की हर गतिविधियों प्रभावित हो रही हैं।

आज पत्रकारिता साहित्य, मनोरंजन, ज्ञान-विज्ञान प्रशासन राजनीति आदि को प्रत्यक्ष रूप से प्रभावित कर रहा है।

आज के इस आधुनिक दौर में प्रेस साहित्य और समाज की समृद्ध चेतना की धरोहर है।

और पत्र-पत्रिकाएँ दैनिक गतिशीलता की लेखा है। स्वातंत्र्योत्तर भारत में पत्र-पत्रिकाओं का उद्देश्य भले ही व्यावसायिक रहा हो किन्तु इसने साहित्यिक एवं सांस्कृतिक अभिरुचि जगाने में महत्वपूर्ण history 

भूमिका का निर्वहन किया है।

पत्र-पत्रिकाओं ने दिन प्रतिदिन घटनेवाली घटनाओं के परिप्रेक्ष्य में नई और सहज शब्दावली का प्रयोग करते हुए भाषाशास्त्र के विकास में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया। प्रेस ने समाज में नव चेतना पैदा कर सामाजिक, धार्मिक, राजनैतिक एवं दैनिक जीवन में क्रांति का सूत्रपात किया।

प्रेस ने सदैव सामाजिक बुराइयों दहेज प्रथा, विधवा विवाह, बालिका वध, शिशु विवाह जैसे मुद्दों को उठाकर समाज के कुप्रथाओं को दूर करने में मदद की तथा व्याप्त अंधविश्वास को दूर करने का प्रयास किया।

आज प्रेस समाज में रचनात्मकता का प्रतीक भी बनता जा रहा है। यह समाज को नित्यप्रति भी उपलब्धियों, वैज्ञानिक अनुसंधानों, वैज्ञानिक उपकरणों से परिचित कराता है।

आज प्रेस लोकतंत्र के चौथे स्तंभ के रू प में लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा करने हेतु सजग प्रहरी के रूप में हमारे सामने खड़ा है।

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