Political science के कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न एवं उत्तर जोकि 10th क्लास के एग्जामिनेशन बोर्ड 2023 में अति आवश्यक है।

Political science के कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न एवं उत्तर जोकि 10th क्लास के एग्जामिनेशन बोर्ड 2023 में अति आवश्यक हैPolitical science

Political science दीर्घ उत्तरीय प्रश्न उत्तर

11. ग्राम पंचायत के कार्यों एवं शक्तियों का वर्णन करें ।

उत्तर-बिहार में ग्राम पंचायत ग्रामीण क्षेत्रों की संस्थाओं में सबसे नीचे का स्तर है। राज्य सरकार 7000 की औसत आबादी पर ग्राम पंचायतों की स्थापना करती है। एक पंचायत क्षेत्र 500 की आबादी पर वार्डों में विभक्त होता है। वार्ड सदस्य प्रत्येक मतदाता द्वारा चुने जाते हैं। ग्राम पंचायतों का प्रधान मुखिया होता है हर पंचायत में सरकार की ओर से एक पंचायत सेवक नियुक्त होते हैं, जो सचिव की भूमिका निभाते हैं।

प्रत्येक ग्राम पंचायत में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़े वर्ग के लिए उनकी जनसंख्या के आधार पर जगह आरक्षित करने का प्रावधान है। बिहार पंचायती राज अधिनियम 2006 के तहत महिलाओं के लिए संपूर्ण सीटों में 50% आरक्षण की व्यवस्था होती है। यदि ग्राम पंचायतों के सदस्य दो-तिहाई बहुमत से मुखिया के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव पारित हो तो मुखिया अपने पद से हटाये जा सकते हैं।

ग्राम पंचायत की शक्तियाँ (1) सम्पत्ति अर्जित करने धारण करने और उसके निपटने की तथा उसकी संविदा करने की शक्ति (ii) करारोपण. मेलो-हाटों में प्रबंध कर वाहनों के निबंधन पर फीस तथा क्षेत्राधिकार में चलाए व्यवसाय नियोजनों पर कर। (iii) राज्य वित्त आयोग की अनुशंसा पर संचित निधी से सहायक अनुदान प्राप्त करने का अधिकार।

यह भी पढ़ें :-मैट्रिक पंजीयन डाउनलोड के लिए यहां क्लिक करें

ग्राम पंचायत के सामान्य कार्य होते हैं— (i) पंचायत क्षेत्र के विकास के लिए वार्षिक योजना तथा वार्षिक बजट तैयार करना। (ii) प्राकृतिक विपदा में सहायता करने का कार्य । ((iii) सार्वजनिक संपत्ति से अतिक्रमण हटाना। (iv) स्वैच्छिक श्रमिकों को संगठित करना और सामुदायिक कार्यों में सहयोग देना।

12. विभिन्न जन-आन्दोलनों में महिलाओं की क्या भूमिका थी?

उत्तर- महिलाओं की भूमिका मात्र गृहिणी होने तक सीमित नहीं है। वह घर के बाहर जाकर दूर से पानी लाने, जलावन के लिए जंगलो से लकड़ियाँ चुनने खेतों में मजदूरी करने जैसे कार्य में भी संलग्न रहती है। खेतों में महिलाओं द्वारा मजदूरी करने का प्रतिशत 40% है। कामगारों के तौर पर 75% महिलाएँ कृषि तथा अन्य कार्यों में लगी है। फिर भी

वे उपेक्षित ही हैं। जहाँ तक सार्वजनिक जीवन में सहभागिता का प्रश्न है इन्हें यहाँ सार्वजनिक मामलों से वंचित रखा जाता है। उन्हें इस लायक समझा ही नहीं गया है। पितृप्रधान समाज होने के कारण भी महिलाओं की भूमिका

का निर्धारण उसी परिप्रेक्ष्य में किया गया है।

महिलाओं के प्रति शिक्षा के क्षेत्र में प्रोत्साहन में कमी, उनको (महिलाओं) शिक्षित बनाने के प्रति समाज का उपेक्षापूर्ण रवैया, उनके स्वास्थ्य के प्रति समुचित ध्यान नहीं दिया जाना, यथाशीघ्र विवाह के प्रति अभिभावकों की उत्सुकता, स्त्री को पराया धन समझने की मानसिकता आदि समाज में महिलाओं की कमजोर स्थित का द्योतक हैं। Political science

महिलाओं को शिक्षित बनाने, उनको पुरुषों के समान विकास के पर्याप्त अवसर प्रदान करने उनके स्वास्थ्य, बौद्धिक विकास आदि तमाम समस्याओं तथा विकृतियों के समाधान की दिशा में अथक प्रयास करने की आवश्यकता है। जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में समान अवसर एवं उनको सहभागिता समाज एवं राष्ट्र के उत्थान के लिए परमावश्यक है। Political science

विभिन्न जन-आन्दोलनों में महिलाओं की हिस्सेदारी नगण्य रही है। उनकी अपर्याप्त सहभागिता की पृष्ठभूमि में पितृ प्रधान समाज का उपेक्षापूर्ण रवैया ही एक प्रमुख कारण रहा है। जिन महिलाओं ने जन आदोलनों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया है, Political science

उसमें उनकी स्वयं की लगन, निष्ठापूर्ण प्रयास कठिन संघर्ष, अप्रतिम प्रतिभा एवं त्याग का योगदान रहा है। सेवा पाटकर अरूंधती राय, सरोजनी नायडू सुभाषिनी अली सहगल आदि कुछ इसके ज्वलंत उदाहरण हैं। यदि महिलाओं को समुचित प्रोत्साहन दिया. जाए तो वे पुरुषों के समान हो बल्कि कहीं बेहतर ढंग से लोकोपकारी जन आंदोलनों में सक्रिय भूमिका निभाएँगी। Political science

सरकार द्वारा इस दिशा में अनेक शासनादेश तथा अन्य सुधारात्मक उपायों के फलस्वरूप अनेक गुणात्मक परिवर्तन परिलक्षित हुए हैं। महिलाओं को जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में समाज अवसर दिए जाने से उन्होंने अपनी प्रतिमा का अनुपम प्रदर्शन किया है। Political science

शिक्षा, विज्ञान, कला, संस्कृति, प्रतिरक्षा, तकनीकी, देश की आंतरिक सुरक्षा आदि सभी क्षेत्रों में वे अग्रणी भूमिका निभा रही है। आवश्यकता इस बात की है कि उनके लिए अपनायी गयी नीति को आगे बढ़ाया जाए। निश्चित तौर पर भविष्य में महिलाएँ नई ऊंचाईयाँ प्राप्त करेगी तथा नए कीर्तिमान स्थापित करेंगी। अर्थशास्त्र : लघु उत्तरीय

निर्देश प्रश्न संख्या 13 से 15 तक लघु उत्तरीय प्रश्न हैं। इनमें से किन्हीं दो का उत्तर दें।

 

13. वाह्यस्रोती (Outsourcing) किसे कहते हैं ?

उत्तर-Out Sourcing (आउट सोर्सिंग) शब्द सेवा क्षेत्र से संबंधित है जिसका हिन्दी रूपान्तरण ‘बाह्य स्रोती’ होता है। वस्तुतः जब यहुराष्ट्रीय कम्पनियों या अन्य कम्पनियाँ संबंधित नियमित सेवाएँ अपनी कम्पनियों की बजाए किसी बाहरी या विदेशी स्रोत या संस्था या समूह से प्राप्तः करती है तो उसे बाह्य स्रोती (Out Sourcing) कहते हैं।

14. मिश्रित अर्थव्यवस्था क्या है ?

उत्तर- मिश्रित अर्थव्यवस्था पूंजीवादी और समाजवादी अर्थव्यवस्था का मिश्रण है। मिश्रित अर्थ व्यवस्था वह है जिसमें उत्पादन के साधनों का स्वामित्व सरकार तथा निजी लोगों के पास रहता है। अपने देश भारत

में मिश्रित अर्थव्यवस्था है। यह अर्थव्यवस्था पूंजीवाद एवं समाजवाद के बीच का रास्ता है। 15. गरीबी गरीबी को जन्म देती है। कैसे

उत्तर-गरीब इसलिए गरीब है कि इनमें गरीबी के कारण उनकी आप कम होती है। अशिक्षा और अज्ञानता के कारण बच्चों की पैदाईश (जन्म) अधिक होती है. फलत: इनकी अगली पीढ़ी अधिक गरीब हो जाती है। गरीबी का कुचक अनवरत रहता है। इसका अर्थ है कि गरीबी

हो गरीबी को जन्म देती है। अर्थशास्त्र : दीर्घ उत्तरीय

निर्देश: प्रश्न संख्या 16 से 17 तक दीर्घ उत्तरीय प्रश्न हैं। इनमें से किन्ही एक का उत्तर दें।

16. वस्तु विनिमय प्रणाली की कठिनाइयों का वर्णन करें।

उत्तर-वैसी प्रणाली जिसमें एक वस्तु के बदले में दूसरी वस्तु का आदान-प्रदान होता है, वस्तु-विनिमय प्रणाली कहलाती है। उदाहरण के लिए, चावल से कपड़े बदलना से तेल बदलना आदि।

वस्तु विनिमय प्रणाली की कठिनाइयों वस्तु विनिमय प्रणाली

को निम्नलिखित कठिनाइयाँ है प्रणाली की सबसे प्रमुख कठिनाई है। आवश्यकता के दोहरे संयोग का (1) आवश्यकता के बोहरे संयोग का अभाव या वस्तु विनिमय प्रणाली की सबसे प्रमुख कठिनाई है आवश्यकता के दोहरे संयोग का अर्थ होता है किसी एक की जरूरत दूसरे की जरूरत से मेल खा जाएं लेकिन ऐसा संयोग से होता है

हमेशा नहीं जिससे भी नियम में काफी कठिनाई होती हैं उदाहरण के लिए राम के पास जूते हैं और उसे कपड़े की आवश्यकता है अब उसे किस किसी ऐसे व्यक्ति को खोजना है जो जिसके पास कपड़े हो और वह कपड़े से बदले में जूते ले लेने को तैयार हो जाए।

 मैट्रिक इंटर परीक्षा 2023 की तैयारी करने के लिए हमारे चैनल telegram join करें।

यहां से जाने पूरी खबर